PM मोदी का देश के जिलाधिकारियों संग ऐतिहासिक संवाद कोरोना से और मजबूती से लड़ने का हौसला दे गया..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि वो हमेशा अपने काम के प्रति सजग रहते हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री कभी भी अपने काम से अवकाश नहीं लेते हैं और किसी समस्या के समाधान के लिए जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति के अनुरूप कार्य करने पर बल देतें है।इसी कड़ी में उन्होंने आज जिला कलेक्टरों से बात की।
प्रधानमंत्री ने सभी से महामारी से लड़ने में संपूर्ण संकल्प सुनिश्चित करने का आग्रह किया
गांवों 9को कोरोना मुक्त रखने तथा कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करने का संदेश वहां भी फैलाएं, जहां मामलों में कमी आ रही हैं : प्रधानमंत्री
महामारी से निपटने में तरीके और रणनीतियां गतिशील होनी चाहिए क्योंकि वायरस म्यूटेशन और अपना स्वरूप बदलने में माहिर है : प्रधानमंत्री
कोरबा कलेक्टर किरण कौशल भी हुईं शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ के पांच जिले के कलेक्टरों सहित देश के 60 जिलों के कलेक्टरों से वर्चुअल माध्यम से चर्चा की। इस चर्चा में कोरबा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, बिलासपुर कलेक्टर डॉ सारांश मित्तल, रायगढ़ कलेक्टर श्री भीम सिंह, जांजगीर चांपा कलेक्टर श्री यशवंत कुमार, बलौदा बाजार कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के 11 राज्यों के 60 जिलों में कोरोना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित इस वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। इसके अलावा राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने प्रधानमंत्री को अपने अपने जिलो में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और बचाव तथा कोविड प्रबंधन की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री से हुई वीडियो कान्फ्रेसिंग के बाद जिला कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने मिडियाजनों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की कलेक्टरों से हुई बातचीत पूरी तरह सकारात्मक रही। प्रधानमंत्री ने जिलो में जारी कोरोना रोकथाम और उन्मूलन के सम्बंध में विस्तार से चर्चा करते हुए सभी को कोरोना उन्मूलन के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य तथा जिलों के अधिकारियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर आज बातचीत की।
बातचीत के दौरान अधिकारियों नें कोविड के विरुद्ध लड़ाई में प्रधानमंत्री के नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति में सुधार की जानकारी दी।
अधिकारियों ने रियल टाइम मॉनिटरिंग तथा क्षमता सृजन में टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने जिलों में जन भागीदारी और जागरूकता के बारे में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी से महामारी से लड़ने में संपूर्ण संकल्प सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने काम को अधिक मांग वाला और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। नई चुनौतियों के बीच नई रणनीतियों और नए समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में सक्रिय मामलों में कमी आनी शुरु हो गई है। लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि चुनौतियां तब तक हैं जब तक छोटे रूप में भी यह संक्रमण बना रहता है।
प्रधानमंत्री ने महामारी से लड़ने में राज्य तथा जिलों के अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और कहा कि अनुभवों तथा फील्ड में किए गए कार्य के फीडबैक से व्यावहारिक तथा कारगर नीतियां बनाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर राज्यों और विभिन्न हितधारकों के सुझावों को शामिल करके टीकाकरण की रणनीति को आगे बढ़ाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय अनुभवों के उपयोग तथा एक देश के रूप में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने गावों को कोरोना मुक्त रखने तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के आग्रह किया, वहां भी जहां मामलों में कमी आ रही है। उन्होंने अधिकारियों से गांव तथा शहर विशेष दृष्टि से रणनीति तैयार करने और ग्रामीण भारत को कोरोना मुक्त सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक महामारी से हमें निरंतर नवाचार और महामारी से निपटने के अपने तरीकों में बदलाव की सीख मिली है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि महामारी से निपटने में तरीके और रणनीतियां गतिशील होनी चाहिए क्योंकि वायरस म्यूटेशन और अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। उन्होंने कहा कि वायरस म्यूटेशन युवाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाला है। उन्होंने टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
टीके की बर्बादी पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एक टीका व्यर्थ जाने का अर्थ व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में अक्षमता है। इसलिए उन्होंने टीके की बर्बादी रोकने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने जिंदगी बचाते हुए नागरिकों के जीवन को सुगम्य बनाने की प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को निशुल्क राशन और आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और कालाबाजारी रोकी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये कदम लड़ाई जीतने और आगे बढ़ने के लिए भी जरूरी है।



