कौशल सिखौला : अर्थव्यवस्था पर भारत की उड़ान चीन के ढलान पर जाने के कारण ये हैं

स्टेंडर्ड , मूडीज और फिच नाम से विश्व की तीन बड़ी रेटिंग एजेंसियां हैं । इन तीनों खासकर मूडीज का मानना है कि विश्व में आज भी सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भारत की है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कईं एजेंसियों की धारणा है कि यह स्पीड जारी रहेगी और भारत 2030 तक 10 ट्रिलियन डालर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा । खास निष्कर्ष जो एजेंसियों ने निकाला है वह यही है कि चीन की अर्थव्यवस्था को अभी 17 ट्रिलियन डालर पर है , अब उतरनी और फिसलनी शुरू हो गई है।

एजेंसियों का दावा है कि भारत की चढ़ान को रोकना नामुमकिन है । कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में हो रहा बढ़ता जा रहा निवेश है । चीन के नीचे उतरने का कारण भी यही है । दुनिया के निवेशकों को यदि एशिया में निवेश करना है तो वे चीन के बजाय भारत में आना उचित समझ रहे हैं । वाणिज्य से जुड़ी अनेक अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में इस आशय के लेख भी प्रकाशित हो रहे हैं।

फिलहाल भारत की जीडीपी 3.50 से 4 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है जो चीन के 17 ट्रिलियन डालर से काफी कम है । हालांकि चीन अपनी जीडीपी 24 ट्रिलियन बताता है । उधर आईएमएफ का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से सबसे तेज आगे बढ़ रही है । 2029 तक भारत संसार में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

यहां बताते चलें कि वर्ष 1990 में चीन भारत की अर्थव्यवस्था से थोड़े ही आगे था । लेकिन भारत में विकास के प्रति सत्ता की उदासीनता से चीन की जीडीपी भारत से 5.46 गुना अधिक हो गई । आईएमएफ का साफ साफ कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की बेहद प्रगतिशील व्यवसायिक नीतियां भारत की जीडीपी को 2047 तक 20 ट्रिलियन डालर पर पहुंचा देंगी । तब भारत एक विकसित राष्ट्र बन चुका होगा।

भारत का यह उन्नयन यूं ही नहीं हुआ । मूडीज के अनुसार 2016 से भारत ने तेजी से बढ़ना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा । यह वही दौर था जब प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में नया भारत बनाने का संकल्प लिया गया । पीएम ने विदेशी दौरों के माध्यम से दुनिया के देशों के साथ दोस्ती की एक मिसाल कायम की।

दोस्ती की बुनियाद रखने के साथ साथ एक कुशल चतुर व्यापारी की तरह भारत में भारी पूंजी निवेश कराना शुरू किया । यह सिलसिला अभी जारी है । इस समय देश में धड़ाधड़ उद्योग लग रहे हैं । नए नए प्रकल्पों की बाढ़ आ रही है । कुल मिलाकर देश के हर क्षेत्र में उत्साह , उमंग एवं उत्सव का माहौल है । भारत की लम्बी विकास यात्रा का यह पडाव बेहद उल्हास से भरा हुआ है।

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