15 अगस्त : जनसंख्या वृद्धि पर..? लालकिले से पिछली बार चिंता जता चुके हैं पी.एम. मोदी
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की सवा सौ करोड़ जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंह से क्या सुनने की आकांक्षा रखती है ? उसकी सबसे बड़ी चाहत क्या है ? यदि सोशल मीडिया और दैनिक जीवन में मिलते अनुभवों से इसके बारे में कुछ लिखा और कहा जा सकता है, तो नि:संदेह वह जनसंख्या नीति पर कानून बनाने की ही बात होगी।
मोदीजी स्वतंत्रता दिवस के अपने प्रत्येक भाषण में कही जाने योग्य बातों के लिए आम जनता से सुझाव भी मांगते हैं। बेशक कई लोगों ने उसमें भी इस बात का जिक्र किया होगा। कर रहे होंगे।
पिछले स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने जनसंख्या वृद्धि पर अपनी चिंता भी प्रकट करते हुए कहा था कि-“सीमित परिवारों से ना सिर्फ खुद का बल्कि देश का भी भला होने वाला है, जो लोग सीमित परिवार के फायदे को समझा रहे हैं वो सम्मान के पात्र है, घर में बच्चे के आने से पहले सबको सोचना चाहिए कि क्या हम उसके लिए तैयार हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आबादी नियंत्रण के लिये छोटे परिवार पर जोर देते हुए कहा था कि आबादी समृद्ध हो, शिक्षित हो तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।”
तो क्या इस बात की उम्मीद की सकती है कि लालकिले की प्राचीर से इस बार इस दिशा में कानून लाने की बात सामने आए?
ये तय हैं कि बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या को महज चिंता से नहीं रोका जा सकता । इसके लिए अब एक सख्त कानून बनाने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा हो सकती है।