नवरात्र : रविवार 22 से 30 jan.. महादेव सदा संग पर शुभचिंतक कालभैरव बिन देवी पर न लगे कोई रंग.. मां काली जब शांत होती हैं तो कमला स्वरूप में प्रकट होती हैं..
महादेव तो सदैव देवी के साथ रहते हैं लेकिन भैरव बिन देवी की कोई साधना सिद्ध नही होती।
शक्ति के 9 रूपों… शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कुष्मांडा,स्कन्दमाता,कात्यायानी,कालरात्रिि.महागौरी, सिद्धिदात्री नवदुर्गा को सब जानते हैं..
लेकिन
जानकर भी अनजान होते हैं मां शक्ति की 10 महाविद्याओ से..
10 महाविद्यायों मां काली, मां तारा, मां त्रिपुरसुंदरी, मां भुवनेश्वरी,मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुरभैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की साधना तंत्र क्षेत्र से जुड़े लोग इस दौरान करते हैं।
अधिकांश औघड़ व तांत्रिक मां काली के साधक होते हैं।
ये 10 महाविद्याओ के साधना का सबसे उत्तम काल है।
कम लोग जानते है कि वर्ष में कुल 4 नवरात्र होते है।
शक्ति के साक्षात स्वरूप दुर्गा के साथ दमन का भाव भी जुड़ा है। यह दमन या अंत होता है।
शत्रु,दुर्गुण, दुर्जनता, दोष, रोग या विकारों का ये सभी जीवन में अड़चनें पैदा कर सुख-चैन छीन लेते हैं। यही कारण है कुछ खास और शक्तिशाली मंत्रों का देवी उपासना के विशेष काल में जाप शत्रु, रोग, दरिद्रता रूपी भय बाधा का नाश करने वाला माना गया है।
मानव के समस्त रोग-दोष व कष्टों के निवारण के लिए नवरात्र से बढ़कर कोई साधनाकाल नहीं हैं श्री, वर्चस्व, आयु, आरोग्य और धन प्राप्ति के साथ ही शत्रु संहार के लिए नवरात्र में साधना से मानव को सहज ही सुख व अक्षय ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
साधनाकाल में देवी के नौ रूपों की पूजा के साथ दस महाविद्याओं के साथ 64 योगनियों की साधना,स्तुति की जाती है।
गुप्त नवरात्रि में की गई मंत्र साधना निष्फल नहीं जाती।
नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। तंत्र पूजा के लिए नवरात्रि को बहुत खास माना जाता है। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत रविवार 22 जनवरी 2023 से हो रही है जिसका समापन सोमवार 30 जनवरी 2023 को होगा।
विशेषतः दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।
कहा जाता है “मां काली जब शांत होती हैं तो कमला स्वरूप में प्रकट होती हैं।”