वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा को एक ‘श्वेत पत्र’ पेश किया, 59 पेज के इस श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा। श्वेत पत्र में कहा गया है कि जब 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी,आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त था।

Veerchhattisgarh

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा को एक ‘श्वेत पत्र’ पेश किया, 59 पेज के इस श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा। श्वेत पत्र में कहा गया है कि जब 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी,आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त था।

वित्तमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में किया चरणबद्ध तरीके से सुधार

वित्तमंत्री ने कहा कि उस समय संकट की स्थिति थी। अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की सरकार पर बड़ी जिम्मेदारी थी। तब हमारी सरकार ने ऐसे खराब स्थिति में श्वेत पत्र लाने से परहेज किया था नहीं तो निवेशकों सहित सभी का विश्वास हिल जाता। चूंकि अब समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के निवेश आकर्षित किए जाएं और बहुत जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए इसलिए श्वेत पत्र को जारी किया गया है।

2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर आया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 

वित्तमंत्री ने बताया हाल ही में पेश अंतरिम बजट में 2014-23 के दौरान 596 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। यह   2005-2014 के दौरान आए FDI से दोगुना था। हम विदेशी पार्टनर्स से बाइलैट्रल इनवेस्टमेंट ट्रीटी (द्विपक्षीय निवेश के लिए समझौता) कर रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा अब जब हमने अर्थव्यवस्था को स्थिर कर दिया है और इसे विकास पथ पर स्थापित कर दिया है, तो यूपीए सरकार द्वारा विरासत के रूप में छोड़ी गई चुनौतियों को लोगो के बीच में रखना जरूरी है।

वित्तमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले के युग की हर चुनौती को हमारे आर्थिक प्रबंधन और हमारे शासन के माध्यम से दूर किया गया। इससे देश निरंतर उच्च विकास के दृढ़ पथ पर अग्रसर हुआ है। यह सब हमारी सही नीतियों,सच्चे इरादों और उचित निर्णयों से मुमकिन हुआ है। बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ शुरू हुआ था फिलहाल इसे जरूरी सरकारी कार्यों को निपटाने के लिए एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक कर दिया गया है। गौरतलब हो कि यह सत्र अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों से पहले यह मौजूदा लोकसभा का आखिरी सत्र है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *