छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के विलंब होने PM मोदी की ये योजनाएं हैं कारण.. धरमजयगढ़-कोरबा, गेवरा रोड-पेंड्रारोड व कोरबा-लोहरदगा सहित छ.ग. में 19 रेल परियोजनाओं पर काम.. 60 हजार करोड़ रुपयों की योजनाएं.. ये हैं नई रेल लाइने…

70 बरसों के पूर्व की सरकारों ने छत्तीसगढ़ में रेल सेवा के विस्तार की दिशा में कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किया।

मोदी सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के रेल विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। 

पढ़ें.. छत्तीसगढ़ के कितने गांवों, कस्बों, शहरों को रेल सेवा से जोड़ा जा रहा है। इसमें आपके क्षेत्र के लिए क्या है…

कोरबा। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में रेलवे सुविधाओं के विस्तार की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। रेलवे के आधुनिकीकरण के साथ 60 हजार करोड़ रुपयों के विकास कार्य हो रहें हैं, जिससे ट्रेनों के संबंध में कुछ समस्याएं पब्लिक को आ रही हैं जो आने वाले समय में शीघ्र ही ठीक हो जाएगी।

रेलवे सुविधाओं में विस्तार के लिए केंद्र सरकार की पहल

उरगा से धरमजयगढ़ तक 62.5 KM की नई रेल लाइन बिछाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा लगभग 1700 करोड़ रूपये की लागत से विकसित की जा रही ईस्ट रेल कारिडोर परियोजना मार्च 2025 तक पूर्ण हो जाने की आशा है।

कोरबा-लोहरदगा रेल लाइन परियोजना के संबंध में 2010-11 में ही सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया था। तब इस परियोजना को गैर-अर्थक्षम परियोजना करार दिया गया था। 2018 में एक बार फिर कोरबा बारास्ता गुमला की नई लाइन के लिए सर्वेक्षण की स्वीकृति दी गयी है और इस पर काम हो रहा है।

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दुर्ग से खरसिया तक बलौदाबाजार और नया रायपुर होते हुए 266 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन केंद्र सरकार बिछाने जा रही है। 21 गांव इससे सीधे रेल सुविधाओं से जुड़ जाएंगे। इसमें ही करीब 5078 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है।

छत्तीसगढ़ में 4 जिलों धमतरी, जगदलपुर, धरमजयगढ़, बलौदाबाजार में नई रेलवे लाइन से पब्लिक को बेहतर ट्रेन-सुविधा मिलेगी। पूर्व में इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा फंड जारी किया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 जिलों में नई रेल लाइन परियोजनाओं के जो आधे-अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए भी तीन हजार करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है।

लोकेशन ट्रैकर ताड़ोकी लाइन पर भी 16 ट्रेनों में काम उल्लेखनीय है यात्रियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए दुर्ग से निकलने वाली सभी 16 ट्रेनों में ट्रेन कलेक्शन एवाइडेन्स सिस्टम वर्ष 2022 की केंद्रीय बजट की घोषणा के अनुसार लगाया जाएगा। इससे खासकर दिल्ली और अमृतसर की ओर जाने वाली ट्रेनों पर विशेष रूप से प्राथमिक तौर पर लगाने के बाद इसे दुर्ग से संपर्क क्रांति, दुर्ग नौतनवा, दुर्ग-कानपुर, सारनाथ, छत्तीसगढ़, गोंडवाना, राजधानी एक्सप्रेस में यह सिस्टम लगाया जाएगा। इसके अलावा अंतागढ़-ताड़ोकी रेलवे परियोजना के लिए 170 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। इसके लिए प्रावधान किया गया है।

अंतागढ़ से ताड़ोकी तक 17 किमी लाइन बिछेगी

रावघाट परियोजना के तहत अंतागढ़ से ताड़ोकी तक 17 किलोमीटर आगे रेल लाइन के लिए बजट में 170 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इसके बाद दूसरे चरण में ताड़ोकी से रावघाट तक 18 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए अलग से फण्ड जारी किया जायेगा।

उल्लेखनीय है अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने का काम किया जा चुका है। भानु प्रतापपुर तक ट्रेनें भी चलाई जा सकी हैं, जिससे पब्लिक को संतुष्ट है। इसके साथ ही दुर्ग से दल्ली-राजहरा जाने वाले मार्ग में बोरसी में अंडरब्रिज और बालोद में ओवर और अंडरब्रिज बनाए जाने का प्रस्ताव है।

रेल परियोजनाओं के इन कामों में आई गति

अभी तक कुल 19 रेल परियोजनाओं को पूरा करने  नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए पूर्व में सर्वे और प्रथम चरण के लिए 300 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। उल्लेखनीय है कि दल्लीराजहरा-जगदलपुर तक 235 किलोमीटर तक लाइन बिछाई जानी है।

इसमें अभी तक गुदुम, भानुप्रतापपुर और केंवटी- 44 किलोमीटर तक लाइन बिछाई जा चुकी है। इसके अलावा खरसिया-बलौदाबाजार-रायपुर-दुर्ग-266 किलोमीटर, खरसिया-धरमजयगढ़ परियोजना-102 किलोमीटर, डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-कटघोरा परियोजना – 277 किलोमीटर, गेवरा रोड-पेंड्रारोड 135 किलोमीटर,धरमजयगढ़ कोरबा- 63किलोमीटर, मंदिरहसौद-केंद्री नई लाइन परियोजना-20 किमी, चिरमिरी-नागपुर हाल्ट परियोजना-11 किमी की परियोजनाओं पर केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है।

मोदी सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के रेल विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। इस रेल नेटवर्क से बिलासपुर-मुंबई रेल लाइन के झारसुगुड़ा-बिलासपुर क्षेत्र की व्यस्तता कम होगी। इसी तरह अन्य रेल लाइन जो शुरू हो रही हैं। रेल कॉरिडोर बना रहे हैं। वह छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई देंगे। जमीन पर काम पूरा होगा, तब छत्तीसगढ़ के लोगों को सुविधा होगी, साथ ही यहां रोजगार के नए-नए आयाम पैदा होंगे।

रेल परियोजनाओं की दी सौगात

अभी 14 सितंबर को ही पीएम ने 6350 करोड़ की रेल परियोजनाएं छत्तीसगढ़वासियों सहित देश को समर्पित की। 

पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है। इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। साथ ही चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ की लागत से किया गया है।

तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर प्रणाली भी शामिल है। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए बनाई गई है।

-चित्र इंटरनेट से साभार।

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