कोरबा लोकसभा : 17 व 19 नंबर के प्रत्याशियों को भाजपा-कांग्रेस के वोट ऐसे मिल सकते हैं ..!

कोरबा। कोरबा लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे और कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के मध्य सीधा संघर्ष है। 4 जून को चुनाव परिणाम भी सामने आ जाना है।

कोरबा लोकसभा से कुल 27 प्रत्याशी 

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ईवीएम में 16 उम्मीदवारों के नाम लिखे होते हैं। किसी सीट पर 16 से अधिक उम्मीदवार खड़े होने की स्थिति में एक बैलेट मशीन से दूसरी वोटिंग मशीन जोड़ दी जाती है, फिर वहां दो वोटिंग मशीन से मतदान संपन्न किया जाता है। इस तरह से जब उम्मीदवार बढ़ जाते हैं तो उसमें वोटिंग मशीन जोड़ दी जाती हैं।

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दूसरी मशीन से ऐसे हो सकता है भाजपा-कांग्रेस के वोटों का बंटवारा

कोरबा लोकसभा चुनाव में इस बार 27 प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी का नाम 01 नंबर पर है और भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे का नाम 03 नंबर पर है।

…लेकिन ग्रामीण-वनांचल क्षेत्र के कुछ मतदाताओं के सामने जो गिनती के ही होंगे, उनके सामने 02 ईवीएम होने से भ्रम की स्थिति निर्मित होती है क्योंकि दलीय प्रत्याशियों व समर्थकों के द्वारा उन्हें यही बताया जाता है कि फलाना नंबर का बटन उन्हें दबाना है।

दूसरे EVM के 17 नंबर पर मरवाही के पालन सिंह कंप्यूटर छाप पर  और 19वें नंबर पर मरवाही के ही प्रताप भानू बाल्टी छाप पर चुनाव लड़ रहे हैं।

17 और 19 नंबर के उक्त दोनों प्रत्याशियों का नाम दूसरे नंबर के EVM में पहले (01) और तीसरे (03) क्रम में दर्ज है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा के कुछ वोट वनांचलों के मतदाताओं में भ्रम होने के कारण दो EVM होने का लाभ कोरबा लोकसभा चुनाव में 17 और 19 नंबर के प्रत्याशियों को मिल सकते हैं।

ऐसी स्थिति देश-प्रदेश में अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी निर्मित हो सकती है जहां पर एक से अधिक EVM मशीनों का उपयोग मतदान करने के लिए किया जा रहा है।

यह तो एक संभावना है और वास्तविक स्थिति तो 04 जून को ही स्पष्ट हो पाएगी कि 17 और 19 नंबर के प्रत्याशियों को कितने मत मिलते हैं..! अगर यह स्थिति निर्मित होती है तो यह भी देखना रोचक होगा कि भविष्य में चुनाव आयोग द्वारा इस पर किस प्रकार के कदम उठाए जाएंगे..?

बैलेट पेपर से पूर्व में हो चुके लोकसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि पोस्टल बैलेट से डाला गया हर पांचवां या छठा वोट रद्द हो जाता था लेकिन ईवीएम से एक भी वोट व्यर्थ नहीं जाता हैं, ऐसे में ईवीएम मतदाताओं का वोट बेकार न होने की गारंटी है लेकिन 02 मशीन लगने की स्थिति में मतदान किसी अन्य प्रत्याशी को नहीं होने की गारंटी नहीं है।

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