ओम बिरला बोले “दुर्भाग्य से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है”
लोकसभा की सुरक्षा में सेंध मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित।
राज्यसभा से विपक्ष के 34 सांसद निलंबित, संसद से आज कुल 67 MPs सस्पेंड
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लोकसभा की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर सोमवार भी बाधित रही। इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा दोपहर 12 बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी।
श्री बिरला ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है। सुरक्षा में सेंध की जांच के लिए संसदीय उच्च अधिकार समिति गठित की गई है।
श्री बिरला ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सुझाव दिए जिन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है और सरकार का इससे कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद सुरक्षा प्रणाली लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है।
श्री बिरला ने कहा कि कुछ सांसदों के निलंबन का इस मुद्दे से कोई संबंध नहीं है और पर्चे दिखाने तथा सदन की प्रतिष्ठा धूमिल करने के कारण उन पर कार्रवाई की गई है।
श्री बिरला ने कहा कि सदन की प्रतिष्ठा और व्यवस्था बनाए रखना प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है। पर्चे दिखाना और नारे लगाना नियम के विरुद्ध है।
कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जेडीयू, एनसीपी और अन्य दलों के सदस्य सदन के बीचो-बीच आकर सरकार के विरूद्ध नारेबाजी करने लगे। वे सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे थे।
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में यह फैसला किया गया था कि सदन में पर्चे नहीं दिखाए जाएंगे। लेकिन विपक्ष के सदस्य ऐसा कर रहे हैं।
श्री बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा का यह अंतिम पूर्णकालिक सत्र है और कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराए जाने हैं। उन्होंने सदस्यों से सदन का कामकाज चलने देने का आग्रह किया।
लोकसभा अध्यक्ष ने बार-बार सदन में व्यवस्था बनाए रखने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्य विरोध करते रहे और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी शोर-शराबा जारी रहा। सोमवार सुबह जब सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग करने लगे।
विपक्ष के सदस्यों ने कार्य स्थगन के लिए नोटिस दिए लेकिन सभापति जगदीप धनखड ने इसकी अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस, डीएमके, वाम दल और अन्य सदस्यों ने विरोध जारी रखा और सदन की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक स्थगित करनी पडी। जब सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा और कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।