ओलंपिक : गीता को जीवन आदर्श मानने वाली मनु भाकर की जीत के बाद प्रतिक्रिया
पेरिस ओलंपिक-2024 में भारत को पहला मेडल दिलाने के बाद मनु भाकर ने अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं ज्यादातर समय भगवद गीता पढ़ती हूं और आज भी मैच के आखिरी क्षणों में मेरे दिमाग में श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश की बातें चल रही थी। मैं सोच रही थी कि यहां जो मेरा लक्ष्य है बस उसपर ध्यान दूं, बाकी चीजों के बारे में ना सोचूं क्योंकि किस्मत को हम बदल नहीं सकते लेकिन अपने कर्म पर कंट्रोल कर सकते हैं।’
फाइनल में मनु ने शुरू से ही तीसरा स्थान बरकरार रखा और तीसरा स्थान ही हासिल किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो एथलीट्स ने जीता। ओह ये जिन 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया। मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। वह शूटिंग में भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाली भारत की पहली महिला एथलीट हैं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था।
मनु भाकर ने बताया कि खेल के अंतिम क्षणों में उनके मन में क्या चल रहा था। इस दौरान उन्होंने अपनी गीता पढ़ने की आदत और श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई सीख की बात की।
दरअसल, मैच जीतने के बाद जब वो कैमरे के सामने आईं तो उन्होंने कहा कि वो इस जीत से बेहद खुश हैं। ये वो मेडल है जिसका भारत को इंतजार था, वो सिर्फ जो कुछ महसूस कर रही हैं वो बहुत अद्भुत है। उन्होंने बहुत मेहनत की थी और हर शॉट पूरी ताकत से लगाया। उन्होंने कहा कि वो खुद हैं कि उन्हें कास्य पदक मिला। आगे वो कोशिश करेंगी कि मेडल का रंग बदल सकें।
मनु से जब आखिरी पलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह शांत थीं और अपना कर्म करना चाहती थीं और ये उन्होंने गीता पढ़कर सीखा जिससे उन्हें मेडल जीतने में मदद मिली। उन्होंने कहा, “मैं गीता पढ़ती हूँ तो आखिरी में मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मैं वो करता हूँ जो मैं कर सकता हूँ, मैं वो करूँ जो करने की मुझसे उम्मीद की जा रही है और बाकी सब कुछ किस्मत पर छोड़ देती हूँ। गीता में कृष्णा ने कहा है कि आप अपने कर्म पर ध्यान दो उसका जो परिणाम है उस पर नहीं। मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि अपना काम करती हूँ बाकी देखा जाएगा।”
उल्लेखनीय है कि मनु भाकर के इस मेडर से भारत का पेरिस ओलंपिक में खाता खुला। मनु भाकर ने 10 मीटर विमेंस एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीत लिया है। उन्होंने आखिर तर कोरियाई खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वो तीसरे नंबर पर रही। इस स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक, दोनों ही दक्षिण कोरियाई खिलाड़ियों ने जीता है। दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता है। मनु भाकर ने फाइनल में 221.7 अंक के साथ कांस्य पदक जीता है।
