हिंदू नववर्ष : उपमुख्यमंत्री अरुण साव, भाजपा सांसद सरोज पांडे ने शोभायात्रा शामिल में भक्तों का किया अभिनंदन

कोरबा। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव व सांसद व  प्रत्याशी सरोज पांडे हिंदू नववर्ष के अवसर पर शहर में निकाली गई दिव्य झांकियों के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए। सांसद सरोज पांडे, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह कोसाबाड़ी चौक से लेकर सीएसईबी तक की शोभायात्रा में लगभग तीन घण्टे तक भक्तों के साथ रहकर उनका उत्साहवर्धन किया।
कोसाबाड़ी से आरंभ शोभायात्रा में लगभग तीन घंटे तक भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे, अनुज शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह शामिल रहे।
इसके बाद सीतामढ़ी से हिंदू धर्म सेना के द्वारा निकाली गई शोभायात्रा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव व सांसद व प्रत्याशी सरोज पांडे ने हिन्दू नववर्ष के अवसर पर आयोजित शोभायात्रा में शामिल हुई और भक्तों का अभिनंदन किया। इस शोभायात्रा के दौरान नेता द्वय ने शोभायात्रा में शामिल भक्तों का उत्साह बढ़ाया।
विशेष रूप इस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ था कि भाजपा के अलावा किसी भी अन्य पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों से शोभायात्रा में शामिल होने के लिए आये भक्तों को शुभकामनाएं देने, अभिनंदन करने, स्वागत करने को लेकर एक भी पोस्टर कही नहीं लगाया था जबकि भाजपा के कई स्थानों पर पोस्टर लगे हुए थे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव व सांसद व भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे के हिंदू नववर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में कई स्थानों पर शुभकामनाएं देते हुए पोस्टर भी लगे हुए थे और इसके साथ ही अनेक स्थानों पर विभिन्न स्टालों की व्यवस्था की गई थी।
कोरबा में हिंदू समाज के सभी वर्गों की गौरवशाली शोभायात्रा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होने कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों सहित जिले के उपनगरीय क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
शोभायात्रा में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, भाजपा सांसद सरोज पांडे।
शोभायात्रा में एक लाख से ज्यादा लोग थे, लोग आ रहे थे-जा रहे थे। सारा माहौल भगवामय हो गया। अगर उस स्थिति में किसी ने कोरबा की सेटेलाइट तस्वीर देखी होती तो समूचा कोरबा सीतामढ़ी से लेकर कोसाबाड़ी चौक तक केसरिया दिखता। गली,मोहल्लों में भी यही स्थिति थी।
आज से मात्र 6-7 वर्ष पहले लोगो को समझाना में पसीना निकल जाता था कि हमारा Happy New Year 1 जनवरी नही चैत्र प्रतिपदा है। इस दिन बहुत कम उत्साह रहता था। सीमित संख्या में लोग एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई चैत्र एकम को देते थे लेकिन विगत कुछ वर्षों से इस स्थिति में अंतर आया है।

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