राममंदिर : पी.एम.नरेंद्र मोदी ने क्यों ‘पारिजात’ को ही पौधरोपण के लिए चुना…?
ब्यूरो डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन करने के साथ ही पारिजात का 8 फीट का पौधा विराजमान रामलला से चंद कदमों की दूरी पर ही अपने हाथों से लगाएंगे।बेहद अद्भुत इसके वृक्ष को कल्पवृक्ष माना जाता है।
श्रीकृष्ण की स्मृति के रूप में इस धरा पर इसे भी एक प्रतीक माना गया है।
कहा जाता हैं कि समुद्र मंथन से पारिजात के वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी और यह देवराज इंद्र के नंदन वन नें स्थापित किया गया था। पारिजात वृक्ष को धरती पर लाने का श्रेय भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को जाता है। कहा जाता है कि इंद्र से युद्ध करने के बाद इसे लेकर उन्होंने द्वारिका में इसका रोपड़ किया, जिसे बाद में अर्जुन किंतूर ले गए।
अर्जुन जिस पारिजात को लेकर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला अंतर्गत किन्तूर ग्राम में लेकर गए थे, वो वृक्ष भारत सरकार द्वारा संरक्षित यह वृक्ष सांस्कृतिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि ये पेड़ लगभग 5000 वर्ष पुराना है। इसके तने का परिमाप 50 फ़ीट और ऊंचाई लगभग 45 फ़ीट होगी।
सनातन धर्म में इसका बेहद महत्व है और अपनी कुछ और खासियतों की वजह से ही इसे राम जन्म भूमि पूजन समारोह का हिस्सा बनाया जा रहा है, कहा जाता है कि पारिजात को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान दूर हो जाती है।
